काशी महाकाल एक्सप्रेस आज इंदौर के लिए रवाना हो गई


काशी महाकाल एक्सप्रेस आज इंदौर के लिए रवाना हो गई। ट्रेन में घुसने पर पहले यात्रियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। ये ट्रेन वाराणसी से इंदौर के बीच चलेगी, जो तीन ज्योतिर्लिंगों (श्रीओम्कारेश्वर, श्री महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ) को आपस में जोड़ेगी। वहीं यह ट्रेन उद्घाटन के बाद से काफी चर्चा में रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को चंदौली के पड़ाव से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया था।


देश की तीसरी कारपोरेट ट्रेन कैंट रेलवे स्टेशन से दोपहर 2.45 बजे इंदौर के लिए रवाना हो गई और दूसरे दिन सुबह 9.40 बजे इंदौर पहुंचाएगी। आईआरसीटीसी ने काशी महाकाल एक्सप्रेस का शुभारंभ महाशिवरात्रि के एक दिन पहले कर उन्हें शिवरात्रि का तोहफा दिया है।



70 प्रतिशत तक महाकाल में सीट फुल हो गई थीं। सीटें अधिक भरने के चलते महाकाल में फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू हो गया। अब यात्रियों को अधिक किराये पर ट्रेन में सीट की बुकिंग करानी पड़ेगी। पहले वाराणसी से इंदौर का किराया 1951 रुपये था, बुधवार को यात्रियों ने 2110 रुपये में सीट बुक कराई। यात्रियों को 159 रुपये अधिक देकर टिकट बुक कराना पड़ा। आईआरसीटीसी अधिकारियों के अनुसार ट्रेन में 70 प्रतिशत बुकिंग होने के बाद फ्लेक्सी किराया अपने आप लागू हो जाएगा।


आधुनिक सुविधाओं से लैस तृतीय श्रेणी वातानुकूलित यह ट्रेन वाराणसी से चलकर सुल्तानपुर, लखनऊ, कानपुर, झांसी, बीना, भोपाल, उज्जैन के रास्ते इंदौर स्टेशन सुबह के 9.30 बजे पहुंचाएगी। पहले यात्रियों को आईआरसीटीसी ने उपहार देने की योजना बनाई है। इस ट्रेन में सीट बुकिंग कराने के साथ ही यात्री टूर पैकेज की बुकिंग भी करा सकते हैं। आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि 70 प्रतिशत सीटें फुल हो गईं।


12 कोच की है महाकाल एक्सप्रेस    
वातानुकूलित तृतीय श्रेणी 12 कोच की महाकाल एक्सप्रेस में सीट उपलब्ध है। 9 कोच, 1 पेंट्रीकार और 2 एसएलआर बोगी है। एक कोच में 72 सीट है। इस तरह से देखा जाए तो 648 सीट है। आने वाले दिनों में तृतीय श्रेणी के 6 और कोच बढ़ाए जाएंगे। कुल 18 कोच लगाकर महाकाल को चलाने की योजना है। आईआरसीटीसी लखनऊ मंडल के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि 20 फरवरी के दिन महाकाल का कामर्शियल रन शुरू हो गया।


चर्चा में ट्रेन
16 फरवरी को पीएम मोदी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इंदौर के लिए रवाना किया था। वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस के कोच बी5 के सीट नंबर-64 में भगवान शिव का एक मिनी मंदिर में बनाया गया था। इस मामले पर एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने इसे लेकर पीएमओ को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना ट्वीट किया था।


वहीं इस पर आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि सीट हमेशा के लिए रिजर्व नहीं है। बड़े और अच्छे काम की शुरुआत में पूजा-पाठ किया जाता है। इसीलिए ट्रेन में भगवान शिव का मंदिर बनाया दिया था। वैसे भी ट्रेन में रविवार को किसी यात्री की बुकिंग नहीं थी।